5 Simple Statements About sidh kunjika Explained



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

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पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं here पठेत्।

Salutations into the just one that is angry, salutations to the killer of Madhu, Salutations to at least one who was victorious in excess of Kaitabha, salutations to your killer of Mahisha  

मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षम् ।

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